Amit Shah Biography In Hindi (2022)| अमित शाह का जीवन परिचय

अमित शाह का जीवन परिचय , जीवनी , परिवार ,पत्नी, विवाद , राजनितिक करियर , (Amit Shah Biography In Hindi , biography , family , wife , controversy )

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दोस्तों भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को तो आप भली-भांति जानते ही होंगे। अमित शाह इस वक्त नरेंद्र मोदी के कैबिनेट मंत्री में गृह मंत्री के पद को संभाले हुए हैं, और पिछले कुछ सालों में भारतीय जनता पार्टी को मजबूत बनाने और जिताने में हमेशा से ही अहम भूमिका निभाई है।

आज के समय में केंद्र हो या राज्य बीजेपी का ही बोलबाला है। आज बीजेपी इतनी ऊंचाइयों को छू रही है तो इसकी वजह अमित शाह ही है। दोस्तो उन्होंने 5 अगस्त 2019 को बड़ा फैसला लेते हुए अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाया था, जो कि अब तक का सबसे बड़ा फैसला था। बायोग्राफी ऑफ अमित शाह Biography of Amit shah इस ब्लॉग में आपको बताने वाले है,कि क्यो उन्हें राजनीति का शहंशाह माना जाता है ?

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Amit Shah Biography In Hindi अमित शाह का जीवन परिचय 

पूरा नाम अमितभाई अनिल चंद्र शाह
जन्म तारीख 22 अक्टूबर 1964
जन्म स्थान मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
गृह नगर मेहसाना, गुजरात, भारत
पिताजी का नाम अनिल चंद्र शाह
माता जी का नाम कुसुम बा
पत्नी का नाम सोनल
कॉलेज सी.यू. शाह साइंस कॉलेज, अहमदाबाद
पेशा भारतीय राजनेता
उम्र 53 वर्ष
धर्म हिन्दू
राशी तुला
नागरिकता भारतीय
लम्बाई 5′ 6′ फीट इंच
वजन 81 kg
आंखों का रंग काला
बालो का रंग सफेद
Amit Shah Biography In Hindi
Amit Shah Biography In Hindi

 

अमित शाह का जन्म और पढ़ाई

अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ। मूल रूप से इनके परिवार का नाता गुजरात के छोटे से गांव मेहसाणा से है। इसी मेहसाणा गांव से अमित शाह ने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की। शाह विज्ञान के विद्यार्थी थे। आगे की पढ़ाई करने के लिए शाह अहमदाबाद गए जहां उन्होंने वहां से बायोकेमिस्ट्री में बीएससी की डिग्री हासिल की।

अमित शाह का परिवार

अमित शाह के पिताजी का नाम अनिलचंद्र शाह था, था, उनका प्लास्टिक के पाइप व्यापार था। इनकी माता जी का नाम कुसुम बा था, इनका क्या पेश है, अभी तक कोई ऐसी जानकारी नहीं मिली है।

इनकी पत्नी का नाम सोनल हैं, इनका एक बेटा भी है।जिसका नाम जय शाह है, जय एक बिजनेसमैन है। जय शाह ने निरमा विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है।

अमित शाह का राजनीतिक सफर

1983 में आरएसएस में शामिल हुए

शाह ने अपने कॉलेज के समय से ही राजनीति में आने का निश्चय किया था,और वर्ष 1983 में शाह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। इसके बाद वे आरएसएस में शामिल हुए। जहां उनकी मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई थी।

1987 में अमित शाह बीजेपी में शामिल हुए

आरएसएस से जुड़ जाने के बाद शाह (भाजपा) भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। बाद में पार्टी ने उन्हें, 1987 में भारतीय जनता युवा मोर्चा का सदस्य बनाया। 1991 मे शाह को राजनीति में पहला बड़ा मौका मिला, उन्होंने गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में आडवाणी के लिए चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाली। बाद में

1996 में दूसरा मौका मिला, जब गुजरात से अटल बिहारी वाजपेयी ने चुनाव लड़ने की घोषणा की। इस चुनाव में भी चुनाव प्रचार करने की जिम्मेदारी अमित शाह ने ही संभाली। 1997 में, गुजरात में उपचुनाव हुए थे। इसी साल अमित शाह ने गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उपचुनाव में जीत कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।

2002 में बने गुजरात के गृह राज्य मंत्री

2002 में गुजरात में विधानसभा चुनाव हुआ, चुनाव में बीजेपी पार्टी को भारी मतों से जीत मिली। तो पार्टी ने शाह को गृहमंत्रालय पद की जिम्मेदारी सौंप दी। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे। इसके अलावा वर्ष 2000 में शाह का सिलेक्शन अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रूप में की गई थी और वे अपने राज्य के चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके थे।

वर्ष 2014 में मोदी के लिए किया प्रचार

2014 में लोकसभा चुनाव हुआ था। चुनाव में प्रधानमंत्री के पद के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी थे। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने और पार्टी को जिताने के लिए शाह ने बहुत तेजी से और जोर शोर से प्रचार का काम किया था और इस चुनाव में पार्टी को बहुत ही लाजवाब जीत दिलवाई थी। पूरे भारत में भारतीय जनता पार्टी का डंका बजने लगा। शाह की यह मेहनत रंग लाई और 2014 में भारतीय जनता पार्टी के उमेंदवार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए।

वर्ष 2014 में भाजपा पार्टी के अध्यक्ष बने (Amit shah president of bjp)

वर्ष 2014 में, देश में हुए लोकसभा चुनाव में शाह ने अपनी पार्टी को जिताने और मजबूत बनाने के लिए बहुत मेहनत की थी। इसके चलते 2014 में ही, शाह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।

2017 में बने राज्यसभा के सदस्य Amit shah Member of Rajya Sabha 2017

वर्ष 2017 में शाह को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राज्यसभा में भेज दिया था, और इस समय भी यह राज्यसभा के सदस्य भी है। इनको गुजरात राज्य की पद से राज्यसभा में भेजा गया है।

2019 के चुनाव में निभाई अहम भूमिका

मोदी जी के राइट हैंड कहे जाने वाले अमित शाह वर्ष 2019 में, हुए लोकसभा चुनाव में गुजरात के गांधीनगर से खड़े हुए थे। जिसमें उनके विरोधी कांग्रेस पार्टी के डॉक्टर सी. जे. चावड़ा को पीछे छोड़ के 5 लाख से भी ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। इसके चलते उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के 4. 83 लाख वोट्स का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।

इस चुनाव में मूल रूप से मुकाबला बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस के डॉक्टर सी. जे. चावड़ा के बीच में हुआ था। जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव में जीत हासिल की थी। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार अमित शाह ने 69.7% वोट्स प्राप्त किए थे।यानी कि लगभग 8,80,000 वोट हासिल किए थे।

बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले हैं, अमित शाह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में चुनावी रणनीति तैयार करके भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलवाई थी। इस बार भी शाह ने ही साल 2014 की तरह 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करके और कई सारी रैलियां करके पार्टी को जीत दिलवाने में अहम भूमिका निभाई।

इस बार भी चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने जीता। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीट्स के साथ संपूर्ण देश में अपनी सरकार बनाई। एक बार फिर से नरेंद्र मोदी देश के दोबारा प्रधानमंत्री बने।

कई सारी रैलियां करके शाह ने जनता को यह भरोसा दिया कि मोदी जी और उनकी पार्टी ही देश को विकसित कर सकती है,और लोगों ने इनके ऊपर भरोसा करके बीजेपी को ही वोट दिया। बीजेपी पार्टी को प्रचंड बहुमत से जीत हासिल हुई।

2019 में अमित शाह बने केंद्रीय गृह मंत्री और लोकसभा सदस्य Amit shah as Union Home Minister 

अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद सबसे पहले उन्होंने जम्मू कश्मीर का आंतकवाद जड़ से नष्ट करने की ठान ली। उन्होंने इसके के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं।

अमित शाह द्वारा दिए गए बड़े फैसले

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई 

15 अगस्त 1947 को भारत देश को आजादी मिली थी, तब से आज तक जम्मू कश्मीर में आंतकवाद की समस्या आ रही है। जम्मू कश्मीर का आतंकवाद खत्म करने के लिए और जम्मू कश्मीर की अन्य समस्याएं को देखते हुए अमित शाह ने 5 अगस्त 2019 को, अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था। जो कि यह फैसला लेने के बाद देशवासियों ने अमित शाह जी का स्वागत किया।

धारा 370 को खत्म करने के बाद जम्मू कश्मीर का मुख्य हिस्सा देश में शामिल किया गया। वहां पर नए नियम लागू किए गए जम्मू कश्मीर से लद्दाख को भी बाहर कर दिया गया।

एनआरसी का मुद्दा

भारत देश में बहुत सालों से अनाधिकृत रूप से कुछ ऐसे बांग्लादेश के लोग रहते हैं और रह रहे हैं, उन्हें बाहर निकालने की बात होम मिनिस्टर अमित शाह ने कही थी।इसके लिए कदम उठाया गया जिसे एनआरसी नाम दिया गया। इसके बाद उन्होंने असम राज्य में जो लोग रह रहे हैं उनकी नागरिकता की जांच पड़ताल की,ताकि बाहर देश के लोगों की पहचान हो सके और उन्हें बाहर निकाल कर वापस उनके देश में भेज सके।

नक्सलवाद की समस्या

देश में कुछ ऐसे राज्य है, जो कि नक्सलवाद की समस्या से बेहद परेशान थे। छत्तीसगढ़ राज्य में एक बहुत बड़ा धमाका हुआ था जिसमें हमारे काफी जवान शहीद हुए थे और इस हमले को नक्सलवादियों ने अंजाम दिया था। इसके चलते हैं अमित शाह ने नक्सलवादियों का उन्मूलन करके उन्हें देश के बाहर खदेड़ दिया।

नक्सलवादियों को एक ही संदेश दिया यदि वह देश में शांति से रहना चाहते हैं और सरकार से बचना चाहते हैं तो वे अपने शस्त्र और हथियार छोड़कर सरेंडर भी कर सकते हैं। ताकि हम उन्हें कुछ नहीं करेंगे और देश का नागरिक बनाएंगे और उन्होंने ऐसी ही रणनीति बनाई जिसे पालन करना नक्सलवादियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया।

अमित शाह से जुड़े विवाद

अमित शाह का राजनीतिक सफर बहुत ही मुश्किल रहा है। इनका नाम कई विवादों में आ चुका है, उसी विवादों के बारे में नीचे आपको हमने विस्तार से जानकारी दी है।

फर्जी एनकाउंटर का विवाद (Fake encounter Case )

सन 2005 में गुजरात में तीन लोगों को आंतकवादी समझ के एनकाउंटर में मार दिया गया था। ऐसा माना जाता है कि इस एनकाउंटर के पीछे शाह का हाथ था। जब सीबीआई ने इस एनकाउंटर की जांच की तो उन्होंने बताया कि यह नकली एनकाउंटर था।

गुजरात में अंदर आने पर लगी रोक

शाह को हत्या और वसूली के आरोप में साल 2010 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था इसके चलते कोर्ट ने इनको इनके ही राज्य से इन्हें बाहर निकाल दिया था और राज्य में प्रवेश लेने के लिए रोक लगा दी थी। फिर बाद में 2012 में इनके ऊपर से यह रोक हटा दी गई थी।

गुजरात के दंगों का सबूत मिटाने का आरोप

सन 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे इन दंगों को लेकर भी अमित शाह का नाम सामने आया था। उनके ऊपर दंगों के सबूतों को मिटाने का आरोप लगा था।

महिला की जासूसी करने का विवाद 

शाह के ऊपर 2009 में आरोप लगा था कि वो एक महिला की जासूसी कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि शाह ने अपने ताकत के भरोसे एक महिला की जासूसी करवा रहे थे। बाद में शाह ने इन आरोपों को गलत बताया था।

अमित शाह से जुड़ी कुछ रोचक बातें

शाह को मिली है जेड प्लस सुरक्षा  Amit Shah gets Z + plus categori security 

अमित शाह बड़े राजनेताओं में से एक है, जिन्हें सरकार द्वारा जेड प्लस सुरक्षा दी जाती है। उनके साथ हर समय 25 कमांडो रहते हैं, जो की सुरक्षा के लिए है।

वर्ष 1982 में मुलाकात हुई थी मोदी से

दोस्तों नरेंद्र मोदी और अमित शाह की गहरी दोस्ती मानी जाती है और इन दोनों ने ही बीजेपी पार्टी को इतनी बड़ी पार्टी बना दी है। ऐसा कहा जाता है वर्ष 1982 में इन दोनों की प्रथम मुलाकात हुई थी। जहां ये दोनों आरएसएस के आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

कभी अमित शाह स्टॉक ब्रोकर भी हुआ करते थे

अमित शाह राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं लेकिन उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती समय में बतौर एक स्टॉक ब्रोकर का भी काम किया था और सरकारी बैंक में भी कुछ वक्त तक अपनी सर्विस दी थी।

 

FAQ 

अमित शाह कितने वर्ष का है ?

अमित शाह 57 वर्ष का है |

अमित शाह का जन्म कहा हुआ ?

अमित शाह का जन्म मुंबई में हुआ |

अमित शाह के कितने बच्चे है ?

अमित शाह को एक ही बेटा है |

अमित शाह का जन्म कब और कहा हुआ ?

अमित शाह का जन्म 22 अक्तूबर 1964 को मुंबई मे हुआ | 

 

 

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