Devkinandan Thakur Biography In Hindi | देवकीनंदन ठाकुर का जीवन परिचय

Devkinandan Thakur Biography In Hindi, Age, Biography, Family, Education, Net Worth, Facts ( देवकीनंदन ठाकुर का जीवन परिचय, जन्म, शिक्षा, परिवार, संपत्ति, करियर, कथा, रोचक बातें)

देवकीनंदन ठाकुर एक कथावाचक, आध्यात्मिक गुरु और गायक है। जिनके कथाएं देश विदेश में लोकप्रिय है। इनके कथाओं को देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है। इन्होंने देश विदेश में 1000 से ज्यादा कथाएं की है। वर्ष 1997 से देवकीनंदन ठाकुर श्रीमद् भागवत कथा, भगवत गीता, शिव पुराण कथा, देवी भागवत और श्रीराम कथाओं का आयोजन करते आए हैं। वर्ष 2015 में देवकीनंदन ठाकुर को “यूपी रत्न” नाम का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। देवकीनंदन ठाकुर के वाणी इतनी मधुर है, की इनकी कथा सोशल मीडिया पर काफी वायरल होती है। इनके इंस्टाग्राम रील लाखों की संख्या में देखे जाते हैं। इसके अलावा देवकीनंदन ठाकुर कई विवादों में भी आए हैं। जिसको लेकर काफी सुर्खियों में बने रहते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से देवकीनंदन ठाकुर का जीवन परिचय ( Devkinandan Thakur Biography In Hindi)

देवकीनंदन ठाकुर का जीवन परिचय Devkinandan Thakur Biography In Hindi

नाम देवकीनंदन ठाकुर
जन्म तारीख 12 सितम्बर 1978
जन्म स्थान ओहावा गाँव, मथुरा, उत्तर प्रदेश
उम्र 44 साल ( 2023 )
शिक्षा वेद, शास्त्र, भगवद गीता
स्कूल ज्ञात नही
कॉलेज ज्ञात नही
धर्म हिंदू
जाती ब्राह्मण
नागरिकता भारतीय
पेशा कथावाचक, गायक और आध्यात्मिक गुरु
वैवाहिक स्थिति विवाहित
बालो का रंग काला
ऑंखो का रंग काला

 

देवकीनंदन ठाकुर का जन्म Devkinandan Thakur Age, Birth

  • 12 सितंबर 1978 को ओहावा गांव, मथुरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता का नाम राजवीर शर्मा और मां कान्हा अनुसूईया देवी है।

देवकीनंदन ठाकुर का परिवार Devkinandan Thakur Family

  • पिता का नाम- राजवीर शर्मा
  • मां का नाम- अनुसुइया देवी
  • पत्नी का नाम- श्रीमती अंदमाता देवी
  • बच्चे- एक बेटा (देवांश)

देवकीनंदन ठाकुर की शिक्षा Devkinandan Thakur Education

  • देवकीनंदन ठाकुर ने अंग्रेजी शिक्षा में ग्रेजुएशन पूरा किया है। इसके अलावा वह बचपन से ही धार्मिक ग्रंथों से जुड़े हुए हैं और अपनी सनातन संस्कृति को देखते आ रहे हैं। जिसके चलते उन्होंने बचपन से ही धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना शुरू कर दिया। देवकीनंदन ठाकुर जब 13 साल के थे। तभी उन्होंने श्रीमद्भागवत पुराण को कंटस्थ कर लिया था। आचार्य पुरुषोत्तम शरण शास्त्री जी ने देवकीनंदन ठाकुर यह नाम दिया है। अगर श्रीमद्भागवत पुराण पढना है तो आप निचे दीए गये लिंक पर click करके खरीद सकते है |
  • Table of Contents

    देवकीनंदन ठाकुर की शादी Devkinandan Thakur Marriage

    • देवकीनंदन ठाकुर की पत्नी का नाम श्रीमती अंदमाता है।इनकी शादी कब हुई थी। इसके बारे में तो ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।

    देवकीनंदन ठाकुर का कैरियर

    • देवकीनंदन ठाकुर को बचपन से ही आध्यात्मिकता और धार्मिक ग्रंथों से लगाव था। जब वह छोटे थे तब हमेशा वह मंदिर मे समय बिताते और पूजा पाठ करने में व्यस्त रहते थे । बचपन से ही वह भगवान श्री कृष्ण की लीला तथा उनकी कथाओं को सुनकर अपना समय बिताते थे। इनके मन पर श्री कृष्ण लीला और उनके कथा का इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने सिर्फ 6 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया और वृंदावन आकर कृष्ण लीला मंडली में शामिल हो गए।
    Devkinandan Thakur Biography In Hindi
    Image : Devkinandan Thakur instagram
    • देवकीनंदन ठाकुर कृष्ण लीला में ईतने खो जाते थे,की लोगों को उनके अंदर कृष्ण की मूर्ति देखने लगती थी। जिसके कारण लोग उनको ठाकुर जी के नाम से पुकारने लगे थे। इसके बाद उन्होंने वृंदावन में ही रहकर श्री वृंदावन भागवत पीठाधीश्वर श्री पुरुषोत्तम शरण शास्त्री जी महाराज को गुरु मानकर प्राचीन शास्त्र ग्रंथों की शिक्षा हासिल की।
    • देवकीनंदन ठाकुर ने समाज कल्याण के लिए कई सारे काम करने शुरू कर दिए थे, तथा समाज में फैली हुए मतभेद और भगवान के प्रति आस्था रखने के काम शुरू कर दिए थे। वर्ष 1997 में देवकीनंदन ठाकुर ने दिल्ली से श्रीमद् भागवत कथा, श्री राम कथा, शिव कथा, देवी भागवत और भगवत गीता जैसे ग्रंथों का अध्ययन किया। धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने के बाद देवकीनंदन ठाकुर ने अपने कथा के माध्यम से समाज को जागरूक करने की कोशिश की। लोगों के अंदर आपसी प्रेम, सद्भाव और अच्छे संस्कार जैसे विचार फैलाना शुरू कर दिए थे।
    • देवकीनंदन ठाकुर की कथा में लाखों लोग आते हैं। अपने कथा के माध्यम से देवकीनंदन ठाकुर लोगों को अच्छी बातें, भगवान के प्रति आस्था तथा समाज में फहले मतभेद को दूर करने के बारे में बताते रहते हैं। अपनी वाणी के माध्यम से देवकीनंदन ठाकुर काफी लोकप्रिय कथावाचक में से एक है और उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। इनकी कथा सुनने के लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोग आते हैं। इनकी बातों को लोग बड़ी गहराई से सुनते हैं और अपने जीवन में अपनाते हैं।
    • 20 अप्रैल 2006 को देवकीनंदन ठाकुर ने विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की थी। इस ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने भारत में कई जगहों पर कथा की और अपने कथा के माध्यम से शांति यात्रा का आयोजन करते आ रहे हैं। इस ट्रस्ट के मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति, गोरक्षा अभियान, गंगा यमुना प्रदूषण मुक्त, छुआछूत, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, दहेज प्रथा और देश के युवाओं को भारतीय संस्कृति के बारे में बताना।
    • देवकीनंदन ठाकुर के वाणी में इतनी मिठास है, की उनकी कथा सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। देश के कोने कोने में देवकीनंदन ठाकुर कथा का आयोजन करते हैं और अपनी कथा के माध्यम से लोगों को सही मार्ग पर लेकर जाते हैं। उन्होंने विदेशों में भी अपनी कथा का आयोजन किया है। वर्ष 2001 में पहली बार उन्होंने अपनी कथा का आयोजन किया था। इसके बाद उन्होंने दुनिया के बड़े-बड़े देशों में अपनी कथा की है। जिसमें स्वीडन, डेनमार्क, हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया जैसे देश शामिल है।
    • देवकीनंदन ठाकुर अपने कथा के माध्यम से हिंदू सनातन धर्म का प्रचार करते हुए लोगों को सही मार्ग पर ले जाने की कोशिश करते हैं। इनकी कथा में लाखों लोगों की भीड़ उमढ़ती है। अब तक वह 1000 से ज्यादा कथाओं का आयोजन कर चुके है। इनकी कथाओं में देश के बड़े से बड़े पॉलिटिशियन आते हैं, इनका मान सम्मान करते हैं। देवकीनंदन ठाकुर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं, तथा देश के बड़े-बड़े राज्यों के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं।
    • देवकीनंदन ठाकुर का यूट्यूब पर चैनल भी है। जिसका नाम उन्होंने श्री देवकीनंदन ठाकुर जी रखा है। इस चैनल पर अभी तक 4 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हो चुके हैं। इस चैनल को उन्होंने 29 अक्टूबर 2014 को बनाया था। यूट्यूब पर इनकी कथाओं के वीडियो को लाखों की संख्या में देखा जाता है। यूट्यूब पर देवकीनंदन ठाकुर काफी फेमस है।

    देवकीनंदन ठाकुर की संपत्ति Devkinandan Thakur Net Worth

    • देवकीनंदन ठाकुर की संपत्ति की बात की जाए तो इनकी कुल संपत्ति लगभग 4 मिलियन डॉलर से ज्यादा बताई गई है।

    देवकीनंदन ठाकुर से जुड़ी रोचक बातें Facts About Devkinandan Thakur

    • देवकीनंदन ठाकुर जब 6 साल के थे तब उन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में अपना घर छोड़ दिया था।
    • देवकीनंदन ठाकुर महाराज जी ने अभी तक देश और विदेश में 1000 से ज्यादा कथाएं की है।
    • देवकीनंदन ठाकुर जी को श्री ब्राह्मण महासंघ ने अचार्यन्द्र पद के साथ सम्मानित किया है।
    • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने देवकीनंदन ठाकुर को धर्मार्थ कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश रत्न से सम्मानित किया है।
    • देवकीनंदन ठाकुर 2018 को SC/ST एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में जेल भी गए थे।
    • देवकीनंदन ठाकुर बचपन से ही आध्यात्मिकता और धर्म ग्रंथों में लगाव था। इन्होंने वृंदावन में एक कृष्ण राधा का मंदिर बनाया है। जो काफी भव्य और सुंदर है।

    FAQ:

    कौन है देवकीनंदन ठाकुर?

    देवकीनंदन ठाकुर कथा वाचक है, जो अपने कथा के माध्यम से भारतीय संस्कृति और लोगों के मन में सद्भाव, प्रेमभाव की भावना जगाते हैं।

    देवकीनंदन ठाकुर जी का असली नाम क्या है?

    ज्ञात नहीं

    देवकीनंदन ठाकुर के कितने बच्चे हैं?

    देवकीनंदन ठाकुर को देवांश नाम का एक बच्चा है।

    देवकीनंदन ठाकुर की उम्र कितनी है?

    44 वर्ष

    देवकीनंदन ठाकुर का जन्म कब हुआ था

    12 सितंबर 1978

    देवकीनंदन ठाकुर की पत्नी का नाम क्या है?

    श्रीमती अंदमाता

    यह भी पढ़ें

    अंतिम शब्द:

    दोस्तों मुझे विश्वास है कि Devkinandan Thakur Biography In Hindi वाला ब्लॉग आपको पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया तो आप अपने दोस्तों और सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करके इसकी जानकारी जरूर दें | अगर आपकी कोई प्रतिक्रिया है और इस ब्लॉग में हमने आपको क्या जानकारी नहीं दी है | आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं या फिर Contact Us में जाकर आप मुझे ईमेल कर सकते हैं इसके अलावा मुझे सोशल मीडिया पर फॉलो भी कर सकते हैं | बहुत जल्द ही आप लोगों से नए ब्लॉग के साथ मुलाकात होगी तब तक के मेरे इस Devkinandan Thakur Biography In Hindi  वाला ब्लॉग को पढने के लिए बहुत “धन्यवाद” |

    • देवकीनंदन ठाकुर ने अंग्रेजी शिक्षा में ग्रेजुएशन पूरा किया है। इसके अलावा वह बचपन से ही धार्मिक ग्रंथों से जुड़े हुए हैं और अपनी सनातन संस्कृति को देखते आ रहे हैं। जिसके चलते उन्होंने बचपन से ही धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना शुरू कर दिया। देवकीनंदन ठाकुर जब 13 साल के थे। तभी उन्होंने श्रीमद्भागवत पुराण को कंटस्थ कर लिया था। आचार्य पुरुषोत्तम शरण शास्त्री जी ने देवकीनंदन ठाकुर यह नाम दिया है। अगर श्रीमद्भागवत पुराण पढना है तो आप निचे दीए गये लिंक पर click करके खरीद सकते है |

    देवकीनंदन ठाकुर की शादी Devkinandan Thakur Marriage

    • देवकीनंदन ठाकुर की पत्नी का नाम श्रीमती अंदमाता है।इनकी शादी कब हुई थी। इसके बारे में तो ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।

    देवकीनंदन ठाकुर का कैरियर

    • देवकीनंदन ठाकुर को बचपन से ही आध्यात्मिकता और धार्मिक ग्रंथों से लगाव था। जब वह छोटे थे तब हमेशा वह मंदिर मे समय बिताते और पूजा पाठ करने में व्यस्त रहते थे । बचपन से ही वह भगवान श्री कृष्ण की लीला तथा उनकी कथाओं को सुनकर अपना समय बिताते थे। इनके मन पर श्री कृष्ण लीला और उनके कथा का इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने सिर्फ 6 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया और वृंदावन आकर कृष्ण लीला मंडली में शामिल हो गए।
    Devkinandan Thakur Biography In Hindi
    Image : Devkinandan Thakur instagram
    • देवकीनंदन ठाकुर कृष्ण लीला में ईतने खो जाते थे,की लोगों को उनके अंदर कृष्ण की मूर्ति देखने लगती थी। जिसके कारण लोग उनको ठाकुर जी के नाम से पुकारने लगे थे। इसके बाद उन्होंने वृंदावन में ही रहकर श्री वृंदावन भागवत पीठाधीश्वर श्री पुरुषोत्तम शरण शास्त्री जी महाराज को गुरु मानकर प्राचीन शास्त्र ग्रंथों की शिक्षा हासिल की।
    • देवकीनंदन ठाकुर ने समाज कल्याण के लिए कई सारे काम करने शुरू कर दिए थे, तथा समाज में फैली हुए मतभेद और भगवान के प्रति आस्था रखने के काम शुरू कर दिए थे। वर्ष 1997 में देवकीनंदन ठाकुर ने दिल्ली से श्रीमद् भागवत कथा, श्री राम कथा, शिव कथा, देवी भागवत और भगवत गीता जैसे ग्रंथों का अध्ययन किया। धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने के बाद देवकीनंदन ठाकुर ने अपने कथा के माध्यम से समाज को जागरूक करने की कोशिश की। लोगों के अंदर आपसी प्रेम, सद्भाव और अच्छे संस्कार जैसे विचार फैलाना शुरू कर दिए थे।
    • देवकीनंदन ठाकुर की कथा में लाखों लोग आते हैं। अपने कथा के माध्यम से देवकीनंदन ठाकुर लोगों को अच्छी बातें, भगवान के प्रति आस्था तथा समाज में फहले मतभेद को दूर करने के बारे में बताते रहते हैं। अपनी वाणी के माध्यम से देवकीनंदन ठाकुर काफी लोकप्रिय कथावाचक में से एक है और उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। इनकी कथा सुनने के लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोग आते हैं। इनकी बातों को लोग बड़ी गहराई से सुनते हैं और अपने जीवन में अपनाते हैं।
    • 20 अप्रैल 2006 को देवकीनंदन ठाकुर ने विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की थी। इस ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने भारत में कई जगहों पर कथा की और अपने कथा के माध्यम से शांति यात्रा का आयोजन करते आ रहे हैं। इस ट्रस्ट के मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति, गोरक्षा अभियान, गंगा यमुना प्रदूषण मुक्त, छुआछूत, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, दहेज प्रथा और देश के युवाओं को भारतीय संस्कृति के बारे में बताना।
    • देवकीनंदन ठाकुर के वाणी में इतनी मिठास है, की उनकी कथा सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। देश के कोने कोने में देवकीनंदन ठाकुर कथा का आयोजन करते हैं और अपनी कथा के माध्यम से लोगों को सही मार्ग पर लेकर जाते हैं। उन्होंने विदेशों में भी अपनी कथा का आयोजन किया है। वर्ष 2001 में पहली बार उन्होंने अपनी कथा का आयोजन किया था। इसके बाद उन्होंने दुनिया के बड़े-बड़े देशों में अपनी कथा की है। जिसमें स्वीडन, डेनमार्क, हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया जैसे देश शामिल है।
    • देवकीनंदन ठाकुर अपने कथा के माध्यम से हिंदू सनातन धर्म का प्रचार करते हुए लोगों को सही मार्ग पर ले जाने की कोशिश करते हैं। इनकी कथा में लाखों लोगों की भीड़ उमढ़ती है। अब तक वह 1000 से ज्यादा कथाओं का आयोजन कर चुके है। इनकी कथाओं में देश के बड़े से बड़े पॉलिटिशियन आते हैं, इनका मान सम्मान करते हैं। देवकीनंदन ठाकुर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं, तथा देश के बड़े-बड़े राज्यों के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं।
    • देवकीनंदन ठाकुर का यूट्यूब पर चैनल भी है। जिसका नाम उन्होंने श्री देवकीनंदन ठाकुर जी रखा है। इस चैनल पर अभी तक 4 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हो चुके हैं। इस चैनल को उन्होंने 29 अक्टूबर 2014 को बनाया था। यूट्यूब पर इनकी कथाओं के वीडियो को लाखों की संख्या में देखा जाता है। यूट्यूब पर देवकीनंदन ठाकुर काफी फेमस है।

    देवकीनंदन ठाकुर की संपत्ति Devkinandan Thakur Net Worth

    • देवकीनंदन ठाकुर की संपत्ति की बात की जाए तो इनकी कुल संपत्ति लगभग 4 मिलियन डॉलर से ज्यादा बताई गई है।

    देवकीनंदन ठाकुर से जुड़ी रोचक बातें Facts About Devkinandan Thakur

    • देवकीनंदन ठाकुर जब 6 साल के थे तब उन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में अपना घर छोड़ दिया था।
    • देवकीनंदन ठाकुर महाराज जी ने अभी तक देश और विदेश में 1000 से ज्यादा कथाएं की है।
    • देवकीनंदन ठाकुर जी को श्री ब्राह्मण महासंघ ने अचार्यन्द्र पद के साथ सम्मानित किया है।
    • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने देवकीनंदन ठाकुर को धर्मार्थ कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश रत्न से सम्मानित किया है।
    • देवकीनंदन ठाकुर 2018 को SC/ST एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में जेल भी गए थे।
    • देवकीनंदन ठाकुर बचपन से ही आध्यात्मिकता और धर्म ग्रंथों में लगाव था। इन्होंने वृंदावन में एक कृष्ण राधा का मंदिर बनाया है। जो काफी भव्य और सुंदर है।

    FAQ:

    कौन है देवकीनंदन ठाकुर?

    देवकीनंदन ठाकुर कथा वाचक है, जो अपने कथा के माध्यम से भारतीय संस्कृति और लोगों के मन में सद्भाव, प्रेमभाव की भावना जगाते हैं।

    देवकीनंदन ठाकुर जी का असली नाम क्या है?

    ज्ञात नहीं

    देवकीनंदन ठाकुर के कितने बच्चे हैं?

    देवकीनंदन ठाकुर को देवांश नाम का एक बच्चा है।

    देवकीनंदन ठाकुर की उम्र कितनी है?

    44 वर्ष

    देवकीनंदन ठाकुर का जन्म कब हुआ था

    12 सितंबर 1978

    देवकीनंदन ठाकुर की पत्नी का नाम क्या है?

    श्रीमती अंदमाता

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    अंतिम शब्द:

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    देवकीनंदन ठाकुर की शादी Devkinandan Thakur Marriage

    • देवकीनंदन ठाकुर की पत्नी का नाम श्रीमती अंदमाता है।इनकी शादी कब हुई थी। इसके बारे में तो ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।

    देवकीनंदन ठाकुर का कैरियर

    • देवकीनंदन ठाकुर को बचपन से ही आध्यात्मिकता और धार्मिक ग्रंथों से लगाव था। जब वह छोटे थे तब हमेशा वह मंदिर मे समय बिताते और पूजा पाठ करने में व्यस्त रहते थे । बचपन से ही वह भगवान श्री कृष्ण की लीला तथा उनकी कथाओं को सुनकर अपना समय बिताते थे। इनके मन पर श्री कृष्ण लीला और उनके कथा का इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने सिर्फ 6 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया और वृंदावन आकर कृष्ण लीला मंडली में शामिल हो गए।
    Devkinandan Thakur Biography In Hindi
    Image : Devkinandan Thakur instagram
    • देवकीनंदन ठाकुर कृष्ण लीला में ईतने खो जाते थे,की लोगों को उनके अंदर कृष्ण की मूर्ति देखने लगती थी। जिसके कारण लोग उनको ठाकुर जी के नाम से पुकारने लगे थे। इसके बाद उन्होंने वृंदावन में ही रहकर श्री वृंदावन भागवत पीठाधीश्वर श्री पुरुषोत्तम शरण शास्त्री जी महाराज को गुरु मानकर प्राचीन शास्त्र ग्रंथों की शिक्षा हासिल की।
    • देवकीनंदन ठाकुर ने समाज कल्याण के लिए कई सारे काम करने शुरू कर दिए थे, तथा समाज में फैली हुए मतभेद और भगवान के प्रति आस्था रखने के काम शुरू कर दिए थे। वर्ष 1997 में देवकीनंदन ठाकुर ने दिल्ली से श्रीमद् भागवत कथा, श्री राम कथा, शिव कथा, देवी भागवत और भगवत गीता जैसे ग्रंथों का अध्ययन किया। धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने के बाद देवकीनंदन ठाकुर ने अपने कथा के माध्यम से समाज को जागरूक करने की कोशिश की। लोगों के अंदर आपसी प्रेम, सद्भाव और अच्छे संस्कार जैसे विचार फैलाना शुरू कर दिए थे।
    • देवकीनंदन ठाकुर की कथा में लाखों लोग आते हैं। अपने कथा के माध्यम से देवकीनंदन ठाकुर लोगों को अच्छी बातें, भगवान के प्रति आस्था तथा समाज में फहले मतभेद को दूर करने के बारे में बताते रहते हैं। अपनी वाणी के माध्यम से देवकीनंदन ठाकुर काफी लोकप्रिय कथावाचक में से एक है और उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। इनकी कथा सुनने के लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोग आते हैं। इनकी बातों को लोग बड़ी गहराई से सुनते हैं और अपने जीवन में अपनाते हैं।
    • 20 अप्रैल 2006 को देवकीनंदन ठाकुर ने विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की थी। इस ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने भारत में कई जगहों पर कथा की और अपने कथा के माध्यम से शांति यात्रा का आयोजन करते आ रहे हैं। इस ट्रस्ट के मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति, गोरक्षा अभियान, गंगा यमुना प्रदूषण मुक्त, छुआछूत, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, दहेज प्रथा और देश के युवाओं को भारतीय संस्कृति के बारे में बताना।
    • देवकीनंदन ठाकुर के वाणी में इतनी मिठास है, की उनकी कथा सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। देश के कोने कोने में देवकीनंदन ठाकुर कथा का आयोजन करते हैं और अपनी कथा के माध्यम से लोगों को सही मार्ग पर लेकर जाते हैं। उन्होंने विदेशों में भी अपनी कथा का आयोजन किया है। वर्ष 2001 में पहली बार उन्होंने अपनी कथा का आयोजन किया था। इसके बाद उन्होंने दुनिया के बड़े-बड़े देशों में अपनी कथा की है। जिसमें स्वीडन, डेनमार्क, हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया जैसे देश शामिल है।
    • देवकीनंदन ठाकुर अपने कथा के माध्यम से हिंदू सनातन धर्म का प्रचार करते हुए लोगों को सही मार्ग पर ले जाने की कोशिश करते हैं। इनकी कथा में लाखों लोगों की भीड़ उमढ़ती है। अब तक वह 1000 से ज्यादा कथाओं का आयोजन कर चुके है। इनकी कथाओं में देश के बड़े से बड़े पॉलिटिशियन आते हैं, इनका मान सम्मान करते हैं। देवकीनंदन ठाकुर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं, तथा देश के बड़े-बड़े राज्यों के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं।
    • देवकीनंदन ठाकुर का यूट्यूब पर चैनल भी है। जिसका नाम उन्होंने श्री देवकीनंदन ठाकुर जी रखा है। इस चैनल पर अभी तक 4 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हो चुके हैं। इस चैनल को उन्होंने 29 अक्टूबर 2014 को बनाया था। यूट्यूब पर इनकी कथाओं के वीडियो को लाखों की संख्या में देखा जाता है। यूट्यूब पर देवकीनंदन ठाकुर काफी फेमस है।

    देवकीनंदन ठाकुर की संपत्ति Devkinandan Thakur Net Worth

    • देवकीनंदन ठाकुर की संपत्ति की बात की जाए तो इनकी कुल संपत्ति लगभग 4 मिलियन डॉलर से ज्यादा बताई गई है।

    देवकीनंदन ठाकुर से जुड़ी रोचक बातें Facts About Devkinandan Thakur

    • देवकीनंदन ठाकुर जब 6 साल के थे तब उन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में अपना घर छोड़ दिया था।
    • देवकीनंदन ठाकुर महाराज जी ने अभी तक देश और विदेश में 1000 से ज्यादा कथाएं की है।
    • देवकीनंदन ठाकुर जी को श्री ब्राह्मण महासंघ ने अचार्यन्द्र पद के साथ सम्मानित किया है।
    • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने देवकीनंदन ठाकुर को धर्मार्थ कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश रत्न से सम्मानित किया है।
    • देवकीनंदन ठाकुर 2018 को SC/ST एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में जेल भी गए थे।
    • देवकीनंदन ठाकुर बचपन से ही आध्यात्मिकता और धर्म ग्रंथों में लगाव था। इन्होंने वृंदावन में एक कृष्ण राधा का मंदिर बनाया है। जो काफी भव्य और सुंदर है।

    FAQ:

    कौन है देवकीनंदन ठाकुर?

    देवकीनंदन ठाकुर कथा वाचक है, जो अपने कथा के माध्यम से भारतीय संस्कृति और लोगों के मन में सद्भाव, प्रेमभाव की भावना जगाते हैं।

    देवकीनंदन ठाकुर जी का असली नाम क्या है?

    ज्ञात नहीं

    देवकीनंदन ठाकुर के कितने बच्चे हैं?

    देवकीनंदन ठाकुर को देवांश नाम का एक बच्चा है।

    देवकीनंदन ठाकुर की उम्र कितनी है?

    44 वर्ष

    देवकीनंदन ठाकुर का जन्म कब हुआ था

    12 सितंबर 1978

    देवकीनंदन ठाकुर की पत्नी का नाम क्या है?

    श्रीमती अंदमाता

    यह भी पढ़ें

    अंतिम शब्द:

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